Monday, September 6, 2021

उत्तर कोरिया के साथ मिलकर भारत की मुसीबत बढ़ा सकता है पाकिस्तान, इमरान-किम जोंग की 'गुप्त संधि


पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया, पूरी दुनिया के लिए कितने खतरनाक मुल्क हैं, ये हर कोई जानता और समझता है। पाकिस्तान जहां पूरी दुनिया में आतंकियों की सप्लाई करता है, वहीं नॉर्थ कोरिया बात-बात पर परमाणु हमले की चेतावनी देता रहता है। नॉर्थ कोरिया को परमाणु बम बनाने की टेक्नोलॉजी देने वाले पाकिस्तान ने एक बार फिर से भारत के खिलाफ नॉर्थ कोरिया के साथ मिलकर गुप्त संधि की है और ये संधि वास्तव में भारत के लिए खतरनाक है।

  • विनाशक खेल में लगा पाकिस्तान?

    विनाशक खेल में लगा पाकिस्तान?

    पृथ्वी पर पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया...यही दोनों सबसे गैर-जिम्मेदार देश हैं और अब दोनों ने परमाणु हथियारों को लेकर गैर-जिम्मेदारी भरा काम करना शुरू कर दिया है। खुलासा हुआ है कि हाल ही में पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया ने एक ही समय फ्रेम में अपने अपने देश में न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के पास थर्मल पॉवप प्लांट लगाए हैं। दोनों न्यूक्लियर रिएक्टर एक्टिवेट किए हैं। एक नॉर्थ कोरिया में और दूसरा पाकिस्तान है। क्या ये सिर्फ संयोग है, बिल्कुल नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान एक 500 मेगा वॉट का न्यूक्लियर थर्मल पॉवर प्लांट की स्थापना कर रहा है, जिसका नाम खुशाब परमाणु संयंत्र है और पाकिस्तान का कहना है कि वो इस परमाणु संयंत्र के जरिए अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करना चाहता है। बिजली संयंत्र का निर्माण साफ तौर पर परमाणु ऊर्जा के जरिए बिजली निर्माण के लिए होना चाहिए, लेकिन खुलासा हुआ है कि खुशाब में अन्य लॉजिस्टिक का काम भी चल रहा है, जो बहुत बड़े शक और साजिश की तरफ इशारा कर रहा है।

  • टाइमिंग को लेकर गंभीर सवाल

    टाइमिंग को लेकर गंभीर सवाल

    जिस समय पाकिस्तान ने न्यूक्लियर बिजली संयंत्र का काम शुरू किया है, ठीक उसी समय नॉर्थ कोरिया ने भी 2 सालों के बाद योंगब्योन परमाणु संयंत्र में कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र का संचालन शुरू किया है। इसके जरिए नॉर्थ कोरिया खर्च किए गए ईंधन की छड़ के पुन: प्रसंस्करण से प्लूटोनियम निकालने की कोशिश कर रहा है। दोनों देशों ने अपनी परमाणु संयंत्रों में कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए क्या किया है? क्या दोनों देश अपनी परमाणु परियोजनाओं के बारे में चर्चा कर रहे हैं? क्या पुराना गठबंधन अभी भी कायम है? और अगर गठबंधन हो गया है, तो न केवल उपमहाद्वीप और दुनिया के लिए इसका क्या मतलब है? इसका पता लगाने के लिए फौरन जांच की जरूरत है।

  • पाकिस्तान-नॉर्थ कोरिया संबंध

    पाकिस्तान-नॉर्थ कोरिया संबंध

    इसी साल जून में खबर आई थी कि नॉर्थ कोरिया की 1718 जहाजों ने पिछले तीन सालों के दौरान कई देशों की रहस्यमयी यात्राएं की हैं और शक है कि नॉर्थ कोरियाई जहाज पाकिस्तान तक भी पहुंचा है और सबसे बड़ी शक की बात ये है कि कहीं नॉर्थ कोरिया पाकिस्तान को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों की तकनीक और परमाणु बम बनाने की मॉडर्न तकनीक में मदद तो नहीं कर रहा है। क्योंकि, दोनों देशों के परमाणु संयंत्रों ने एक साथ काम करना शुरू किया है, जिसके बाद गंभीर सवाल उठने लगे हैं। ये शक उस वक्त और पुख्ता हो जाता है, जब पिछले साल गुजरात के कांडला बंगदरगाह पर एक चीनी जहाज की जांच के दौरान जहाज के अंदर से आटोक्लेव को बरामद किया गया था। आटोक्लेव का इस्तेमाल परमाणु मिसाइलों की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। खुलासा हुआ था कि चीन का जहाज चोरी से आटोक्लेव पाकिस्तान पहुंचाने की फिराक में था, लेकिन भारत को इसकी भनक लग गई

  • क्या खेल में चीन भी है शामिल?

    क्या खेल में चीन भी है शामिल?

    चीन कई बार पाकिस्तान को काराकोरम हाइवे के जरिए पाकिस्तान तक परमाणु हथियार बनाने की सामग्री भेजता रहा है। एक जर्मन रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन और पाकिस्तान मिलकर तबाही फैलाने वाले न्यूक्लियर हथियारों का तेजी से निर्माण कर रहे हैं। वहीं, इसी साल की शुरूआत में नॉर्वे की खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि पाकिस्तान में काफी तेजी से न्यूक्लियर हथियार बनाए जा रहे हैं और इसमें अलग अलग देशों में छिपे पाकिस्तानी स्लीपर सेल पाकिस्तान को काफी तेजी से मदद पहुंचा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि चोरी-छिपे न्यूक्लियर हथियार बनाने के सामान और टेक्नोलॉजी की चोरी भी की जा सकती है। लिहाजा, भारत को पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। ऐसे में अभ जब नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान के परमाणु संयंत्र एक साथ एक्टिव हुए हैं, तो फिर इसकी जांच होनी चाहिए कि कहीं नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान फिर से कोई खतरनाक प्लान तो नहीं बना रहे है।

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