PIA. यानी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस. गुरुवार 14 अक्टूबर को PIA ने काबुल से अपनी फ्लाइट्स सस्पेंड करने की घोषणा कर दी. इस फैसले ने कइयों को हैरान किया है. क्योंकि पड़ोसी मुल्क तालिबान के साथ कुछ ज्यादा ही भाईचारा निभा रहा था. अब ऐसा लग रहा है कि ये भाईचारा पाकिस्तान के किसी काम आया नहीं है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, तालिबान के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान सरकार ने पाकिस्तान के सामने कई कंडीशन रख दी थीं. मसलन, तालिबान पाकिस्तान पर दबाव बना रहा था कि वो अफगानिस्तान के लिए अपने हवाई किरायों को कम करे. कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि तालिबान PIA की फ्लाइट टिकट का दाम आधा करने को कह रहा था. वहीं, कुछ में कहा गया है कि PIA को फ्लाइट टिकट का रेट उस स्तर पर लाने को कहा गया था जितना अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से पहले था.
पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन के मुताबिक उसके लिए ऐसा करना संभव नहीं था, सो उसने फिलहाल के अफगानिस्तान के लिए अपनी ये सेवा बंद कर दी है. स्थानीय मीडिया हाउस जियो की खबर के मुताबिक PIA के एक प्रवक्ता अब्दुल्ला खान ने कहा है,
तालिबान सरकार की अत्यधिक सख्ती के कारण हम आज से काबुल के लिए अपनी उड़ानें सस्पेंड कर रहे हैं.
इससे पहले तालिबान ने PIA और अफगानिस्तान की काम एयर (Kam Air) को चेतावनी दी थी कि वे फ्लाइट्स की कीमतें कम करें नहीं तो उड़ाने रोक दी जाएंगी. अफगानिस्तान के परिवहन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक पत्र में इन दोनों एयरलाइंस को ये फरमान सुनाया गया था. टिकट की कीमत कम नहीं होने पर यात्रियों को मंत्रालय से संपर्क करने के लिए कहा गया था.
15-20 गुना महंगा किराया
GEO TV के मुताबिक, काबुल के एक ट्रैवल एजेंट ने बताया कि वहां से इस्लामाबद का टिकट 2500 डॉलर का है. भारतीय रुपए में कहें तो एक लाख 88 हजार रुपये के करीब. बीती 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे से पहले ये किराया 120 से 150 डॉलर यानी 11 हजार रुपए के आसपास होता था.
पाकिस्तानी मीडिया ने PIA के हवाले से दावा किया है कि काबुल की उड़ानें जब से दोबारा शुरू हुई हैं, तालिबानी कमांडर उनके कर्मचारियों को धमका रहे थे. GEO TV और स्थानीय पत्रकारों के मुताबिक, ऐसा दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में PIA के एक प्रतिनिधि को हाल ही में गन पॉइंट पर बंधक बना लिया गया था. बाद में पाकिस्तानी दूतावास के हस्तक्षेप के बाद तालिबान ने उसे छोड़ा था.
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से काबुल से नियमित रूप से संचालित होने वाली एकमात्र अंतरराष्ट्रीय कंपनी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस थी. अधिकांश अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस अब अफगानिस्तान के लिए उड़ान नहीं भरती हैं. PIA भी काबुल हवाई अड्डे को फिर से खोले जाने के बाद से दोनों देशों के बीच सीमित हवाई यात्रा सेवा दे रही थी. अब वो भी बंद हो गई है.
PIA के प्रवक्ता ने कहा कि उनकी एयरलाइन ने ऐसी कठिन परिस्थितियों में अफगानिस्तान के लिए उड़ानें भरीं, जब दुनिया की सभी एयरलाइंस ने काबुल में अपने ऑपरेशन को बंद कर दिया था. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तेजी से बदलती स्थिति के बाद PIA ने लगभग 3000 लोगों को निकाला. काबुल से बाहर लाए गए लोगों में संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, आईएमएफ, अन्य वैश्विक संगठनों के अधिकारी के साथ-साथ अंतराष्ट्रीय पत्रकार भी शामिल थे.
मतलब इतना भाईचारा दिखाया, पर कुछ काम ना आया.
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