ब्रसेल्स, अक्टूबर 03: पाकिस्तान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में काफी तेजी से प्रतिबंध लगाने की मांग उठने लगी है। अमेरिका में 22 सांसद पहले ही तालिबान के मदद करने के आरोप में पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब यूरोपीयन देशों ने बी पाकिस्तान के खिलाफ साफ तौर पर मोर्चा खोल दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपीय देश बेल्जियम में पाकिस्तान को लेकर भारी गुस्सा है और वहां के सीनेटर ने कहा है कि पाकिस्तान तालिबान जितना ही खतरनाक है।
तालिबान जितना खतरनाक पाकिस्तान
ब्रसेल्स प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में काफी जोर देकर कहा गया है कि तालिबान का अफगानिस्तान में फिर से उभरना पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खता है, लेकिन कार्यक्रम में खासतौर पर पाकिस्तान ने जिस तरह से आतंकियों को मदद पहुंचाई है और उन्हें समर्थन दिया है. उसे काफी ज्यादा खतरनाक बताया गया है। अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों को पाकिस्तान से मिले समर्थन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। बेल्जियम के सीनेटर फिलिप डिविन्टर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पाकिस्तान एक आतंकवादी राज्य है और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का समर्थन करता है।
'पाकिस्तान है आतंकी राज्य'
यूरोपीय संघ की राजनीतिक रिपोर्ट ने डेविन्टर के हवाले से कहा है कि, ''यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि पाकिस्तान एक आतंकवादी राज्य है और हमें उनसे भी किसी तरह का डील नहीं करना चाहिए। पाकिस्तान भी तालिबान जितना बड़ा खतरा है। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का समर्थन करता है। यह पहले भी हुआ था और यह फिर से होगा। अब पाकिस्तान के पूर्ण बहिष्कार की आवश्यकता है क्योंकि यह एक आतंकवादी राज्य है और पूरे क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश करता है,'।
''पाकिस्तान ने की तालिबान की मदद''
बेल्जिमय के सीनेटर ने यहां तक कहा कि, 'पाकिस्तान की मदद से ही तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है और अब ये तालिबान पूरी दुनिया के लिए आतंकवादियों का एक्सपोर्टर बनेगा और अब अफगानिस्तान की जमीन से पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा होगा''। उन्होंने कहा कि, ''इस क्षेत्र में अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं की हार के बाद अब हमारे पास यूरोप से सीरिया की यात्रा करने वाले कट्टरपंथी मुसलमानों की नई संभावनाएं हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा। तालिबान के पास पैसा, अनुभव और इस तरह के लोगों को संगठित करने के साधन हैं। यह है एक बड़ा खतरा है और हमें इस खतरे से अवगत होना चाहिए,'।
'कश्मीर में बढ़ेगा आतंकवाद'
सीनेटर डेविन्टर ने कहा कि, बेल्जियम सरकार को तालिबान को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि, 'तालिबान के साथ बातचीत करना या उनके साथ डील करना काफी खतरनाक बात है और हमें उनका बहिष्कार करना चाहिए, क्योंकि तालिबान से निपटने का यही एकमात्र तरीका है। वे पूरी स्वतंत्र दुनिया के लिए खतरा हैं और निश्चित रूप से पश्चिमी यूरोप और हमारे लिए।' वहीं, जुनैद कुरैशी, जो यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) के कार्यकारी निदेशक हैं, उन्होंने बताया कि, तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से आतंकवाद बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि, 'तालिबान अपने तरह के आदेश को लागू करना चाहता है लेकिन हमारा डर यह है कि यह सिर्फ अफगानिस्तान और पाकिस्तान में नहीं होगा। उन्होंने कहा कि, हमारा डर है कि अब अफगानिस्तान और पाकिस्तान से निकले आतंकवादी जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर आतंकवादी समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए काम करेंगे।'
दुनिया के लिए खतरा है पाकिस्तान- कुरैशी
यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज के कार्यकारी निदेशक कुरैशी ने दुनिया से अपील करते हुए कहा कि आतंकवादियों को समर्थन देने में पाकिस्ताना की भूमिका पर गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, ''तालिबान के आने से आतंकवाद अब एशिया में फैल रहा है और पाकिस्तान उस आतंकवाद का समर्थन कर रहा है, जिससे मानवाधिकार और नागरिक समाज पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है और उससे पूरी दुनिया पर खतरा है।'' यूरोपीय संघ की राजनीतिक रिपोर्ट ने कुरैशी के हवाले से कहा है कि, ''जम्मू-कश्मीर के लोग शांति के साथ रहना चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने उनका चैन छीन लिया है।''
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