सरकारी मीडिया ने क्या कहा?
भारत के साथ वार्ता फेल होने के बाद चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के हवाले से लिखा है कि, 'भारत अनुचित मांगों के जरिए बातचीत में व्यवधान उत्पन्न कर रहा है'। ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के हवाले से ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'भारत और चीन के बीच 13वें दौर की बातचीत हुई। भारत अवास्तविक और अनुचित मांगों पर जोर दे रहा है, जिससे इस बातचीत में मुश्किलें आ रही हैं।' लिखा गया है कि, ''चीन को उम्मीद है कि भारतीय पक्ष स्थिति का गलत आंकलन नहीं करेगा और सरहदी इलाकों में कठिन परिस्थितियों को संभालेगा और दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का पालन करेगा''
इंडियन आर्मी को धमकी
चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी का पालतू अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक आर्टिकल लिखकर भारत और भारतीय सीमा पर जमकर खीझ निकाली है और एक लंबा लेख लिखकर इंडियन आर्मी को जमकर धमकाने की कोशिश की है, जिससे पता चलता है कि चीन किस हद तक बौखलाया हुआ है, जबकि इंडियन आर्मी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है (वार्ता को छोड़कर)। ग्लोबल टाइम्स की लेख में लिखा गया है कि, ''भारतीय सेना ने न केवल चीन की बॉर्डर फोर्स की नियमित गश्त के दौरान रोका, बल्कि इंडियन मीडिया की तरफ से अफवाह फैलाई गई कि इंडियन आर्मी ने चीन के कुछ सैनिकों को हिरासत में ले रखा है।'' ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि, ''ये उसी तरह की बात है, जैसे एक चोर चिल्ला-चिल्लाकर चोरी रोकने की बात कर रहा हो''। पालतू ग्लोबल टाइम्स में चीन के एक कथित विश्लेषक ने लिखा है कि, ''भारतीय पक्ष ने पिछले साल की सीमा झड़प से कुछ नहीं सीखा है और उसे ताजा घटना के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए।''
''खतरे से ना खेले भारत''
ग्लोबल टाइम्स ने भारत को धमकी देते हुए लिखा है कि, ''सबसे ताजा घटना ने भारत-चीन की सीमा पर सामान्य होती स्थिति को फिर से तनावपूर्ण कर दिया है। चीन एक एक्सपर्ट्स भारतीय सेना और भारतीय मीडिया को चेतावनी दे रहे हैं कि वो चीन की सहिष्णुता को उसकी कमजोरी नहीं समझें और अफवाह फैलाकर चीन के धैर्य की परीक्षा ना लें''। ग्लोबल टाइम्स ने एक भारतीय न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि, उस न्यूज पोर्टल में दावा किया गया था कि इंडियन आर्मी ने तिब्बत के एक एरिया में घुसपैठ करने वाले कुछ चीनी सैनिकों को हिरासत में ले लिया है, जिसे चायना डेली और ग्लोबल टाइम्स ने अफवाह बताया है। हालांकि, ग्लोबल टाइम्स इस बात को मान रहा है कि, 28 सितंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव का माहौल बन गया था, जिसके बाद चीन के सैनिक वापस लौट गये थे।
'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'
चीन-भारत सीमा कुछ समय के लिए शांतिपूर्ण रही है, जबकि सीमा से लगे एक क्षेत्र में भारतीय सेनिकों ने चीन के कुछ सैनिकों को हिरासत में लेने के बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया था। जिसपर चीन का भोंपू मीडिया अपनी खीझ निकाल रहा है और कह रहा है कि भारत ने जानबूझकर उकसाने वाली कार्रवाई की है और भारतीय सेना वही काम कर रही है, जैसा पिछले साल जून में हुआ था। चीन के एक सैन्य विश्लेषक कियान के हवाले से ग्लोबल टाइम्स लिखता है, ''यह भारत है जो बीजिंग और नई दिल्ली द्वारा किए गए पिछले समझौतों का उल्लंघन कर रहा है। और इंडियन आर्मी चीनी सीमा रेखा पार करती रहती है, जो यह दर्शाता है कि भारतीय पक्ष ने पिछले साल की झड़प के बाद से कुछ नहीं सीखा है, और इस घटना के लिए पूरी तरह से दोषी है।
ग्लोबल टाइम्स की नसीहत सुनिए
चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी का भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में लिखा है कि, ''भारत सरकार, भारतीय सेना और भारतीय मीडिया आदतन दोनों सेनाओं के बीच बातचीत से पहले सीमा के मुद्दों को उठाते और प्रचारित करते हैं। भारतीय मीडिया ऐसा माहौल तैयार करती है, मानो इंडियन आर्मी को अपर हैंड मिला हुआ है'। ग्लोबल टाइम्स मे गीदड़भभकी देते हुए लिखा है कि ''भारत-चीन सीमा पर धीरे धीरे स्थिति सामान्य होते जा रहे हैं और ऐसे वक्त में भारतीय मीडिया जिस तरह से रिपोर्टिंग कर रहा है, वो भारत के लिए भी और दूसरों के लिए भी 'हानिकारक' है''। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि 'भारतीय मीडिया को स्वतंत्र और ईमानदार होकर रिपोर्टिंग करनी चाहिए और कम हानिकारक रास्तों को अख्तियार करना चाहिए'।
ग्लोबल टाइम्स को नसीहत
ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में भारतीय मीडिया को भारत सरकार का मुखपत्र बताया है, जबकि हकीकत ये है कि चीन में फ्रीडम ऑफ प्रेस नाम की कोई बात ही नहीं है। चीन में स्वतंत्र पत्रकारिता का सवाल ही नहीं उठता है कि वहां के तमाम मीडिया संस्थान सरकारी हैं। वहीं, दूसरी बात ये है कि इंडियन आर्मी हर उस रास्ते में खड़ी है, जिस तरह से चीन की सेना भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने की कोशिश करेगी। भारतीय सेना हर उस कदम का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है, जो चीन के द्वारा भारत के खिलाफ उठाया जाएगा। इसीलिए चीन को चाहिए कि वो भारत पर तनाव खत्म करने की दिशा में काम करते हुए तमाम विवादित प्वाइंट्स को खाली करे और सरहद पर शांति होने दे। क्योंकि, अगर कोई भी तनाव की स्थिति बनती है, तो दोनों तरफ से हथियारों की ऐसी खेप सरहद पर मौजूद है, जिससे कोई भी देश इस लड़ाई को जीत नहीं सकता है, हां दोनों देशों में बर्बादी होगी, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है।
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