बैलेस्टिक रिपोर्ट का SIT को इंतजार
SIT टीम अभी तक मुख्य आरोपी आशीष मिश्र से यह नहीं उगलवा सकी है कि वह हिंसा के वक्त मौके पर मौजूद था। हालांकि, सभी सबूत इशारा कर रहे हैं कि वह मौके पर था। अब तक की जांच की बात करें तो पुलिस को फॉरेंसिक लैब से आशीष और अंकित दास के असलहों की बैलिस्टिक रिपोर्ट, बीटीएस टावर से सिग्नल कंजेशन रिपोर्ट, मोबाइल फोन की साइबर रिपोर्ट मिलनी बाकी है। इसके बाद ही आशीष की घटनास्थल पर मौजूदगी और उसकी भूमिका तय हो सकेगी।

अब तक 13 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
लखीमपुर हिंसा मामले में क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को तीन और आरोपियों को पकड़ा है। ये तीनों किसानों को कुचलने वाली थार जीप के पीछे स्कॉर्पियो में थे। इनकी पहचान मोहित त्रिवेदी, धर्मेंद्र सिंह और रिंकू राणा के रूप में हुई। ये तीनों मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के करीबी हैं। घटना के चश्मदीद सुमित जायसवाल के बाद इन तीनों की गिरफ्तारी को बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
इस मामले में अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें मुख्य आरोपी आशीष मिश्र, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शेखर, लवकुश, आशीष पांडेय, सुमित जायसवाल मोदी, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह, शिशुपाल शामिल हैं।

लखीमपुर में 3 अक्टूबर को भड़की थी हिंसा
3 अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इसमें चार किसानों की मौत हो गई थी और हिंसा भड़क गई थी। आरोप है कि हिंसा के दौरान किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इसमें एक पत्रकार भी मारा गया था। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया था।
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