नई दिल्ली/ मैट्रो नेटवर्क ब्यूरो
कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने भाई राहुल गांधी के उस विचार से सहमति जताई है जिस में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की कमान अब गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को दी जानी चाहिए। प्रियंका ने कहा कि यह बात राहुल ने शायद (इस्तीफा) पत्र में तो नहीं लेकिन कहीं और उन्होंने कहा कि हममें से कोई भी पार्टी का अध्यक्ष नहीं होना चाहिए और मैं उनके साथ पूर्ण सहमत हूं। मुझे लगता है कि पार्टी को अपना रास्ता भी खोजना चाहिए।
यह दावा एक नई किताब ‘इंडिया टुमॉरो’ में किया गया है। इसके लेखक प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह हैं और इसे 13 अगस्त को प्रकाशित किया गया था। किताब में आगे प्रियंका गांधी ने कहा है कि एक पार्टी अध्यक्ष भले ही गांधी परिवार से नहीं हो, वह उनका ‘बॉस’ होगा। वाड्रा ने कहा कि अगर वह (पार्टी अध्यक्ष) कल मुझे कहते हैं कि मुझे तुम्हारी जरूरत उत्तर प्रदेश में नहीं, बल्कि अंडमान व निकोबार में है, तो मैं खुशी से अंडमान और निकोबार चली जाऊंगी।
अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की मांग
2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही पार्टी की अंदरूनी बैठक में कथित रूप से जोर देकर कहा था कि अगला अध्यक्ष किसी गैर-गांधी शख्स को बनाया जाए। हालांकि सोनिया गांधी को पिछले साल अगस्त में पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की मांग कांग्रेस के भीतर बढ़ी है।
पति पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद प्रियंका ने किया था यह काम
किताब में प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि 2013 में जब भाजपा ने उनके पति रॉबर्ट वाड्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने शुरू किए तो उन्होंने अपना हर लेन-देन बेटे रेहान को दिखाया था। उस समय वह 13 साल का था। किताब में प्रियंका को यह कहते हुए बताया गया है कि जब उनके पति पर सारे आरोप लगाए गए तो सबसे पहले उन्होंने ये किया कि अपने बेटे के पास गई और एक-एक लेन-देन उसे दिखाया। प्रियंका गांधी ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय में उनके पति से होने वाली पूछताछ और इस मामले में तमाम टीवी बहसों से उनके बच्चों पर असर पड़ने लगा था।