विश्व में बदलती परिस्थितियां भारत को अवसर दे रही हैं कि वे विश्व गुरु की भूमिका में अब पूरी तरह से आ जाए। चीन और पाकिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियों को दरकिनार करते हुए इजरायल
नई दिल्ली। विश्व में बदलती परिस्थितियां भारत को अवसर दे रही हैं कि वे विश्व गुरु की भूमिका में अब पूरी तरह से आ जाए। चीन और पाकिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियों को दरकिनार करते हुए इजरायल, अरब, सहित खाड़ी देश और ईरान जैसे अनेक मुस्लिम देश भारत के साथ मिलकर एक नयी ताकत बन सकते हैं। ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के उच्च स्तरीय कार्यकारिणी की आज आयोजित ऑनलाईन मीटिंग में एक प्रास्तव पारित कर भारत सरकार से इस संबंध में पहल किए जाने की मांग की गई है।
मीटिंग में बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाही इमाम मौलाना नियाज अहमद कासमी, राष्ट्रीय महासचिव अल्लामा बुनई हसनी, वर्ल्ड पीस विंग के महासचिव सैयद मुजफ्फर अली, चीफ काज़ी मुफ्ती ताहिर हुसैन तथा बोर्ड उपाध्यक्ष मोहम्मद ओवैस ने हिस्सा लिया। बोर्ड के सदर शाही इमाम कासमी ने कहा कि दुनिया में जो हालात बन रहे हैं उसमें यह तय है कि एशियाई देशों में से ही विश्व की ताकत उभरेगी साथ ही मुस्लिम देशों की ओर से भी एक नए नेतृत्व उभरने की संभावना दिखाई पड़ रही है। ऐसे में हिंदुस्तान सरकार के पास पूरा मौका है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी क्षमता और विश्व में अपने संबंधों का उपयोग करते हुए भारत को विश्व के विकासशील और विकसित देशों का नेतृत्व करने की पहल करें। हिंदुस्तान में विश्व के मुस्लिम देशों के मुकाबले मुसलमानों की आबादी सबसे अधिक है। इसलिए भारत सरकार मुस्लिम देशों का नेतृत्व करने वाले देश अरब और तुर्की व ईरान के साथ अपने संबंध बढ़ाए।
बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव अल्लामा बुनई हसनी ने कहा कि भारत सरकार आज के हालात को मद्देनजर रखते हुए रुस, इंडोनेशिया, मलेशिया, ईरान, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, इजरायल, फलीस्तीन देशों के साथ वार्ताकर समूह देशों का नेतृत्व करे तो विश्व गुरु की भूमिका में आ सकता है। बोर्ड की उच्च स्तरीय कार्यकारिणी ने विदेशों में भारतीय संस्कृति और बोर्ड के शांति मिशन के प्रसार के लिए सैयद मुजफ्फर अली को वर्ल्ड पीस विंग का महासचिव बनाकर जिम्मेदारी सौंपी है।