सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पर एक रूपये का जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के खिलाफ दो ट्वीट करने के लिए उन्हें अवमानना का दोषी पाया था। प्रशांत भूषण को 15 सितंबर तक यह जुर्माना न देने पर तीन महीने के कारावास की सजा और वकालत पर तीन वर्ष का प्रतिबंध झेलना होगा। न्यायालय ने कहा कि जहां एक ओर अभिव्यक्ति की आजादी को कम नहीं किया जा सकता वहीं दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान किया जाना चाहिए।
14 अगस्त के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को न्यायालय की अवमानना का दोषी घोषित करते हुए कहा था कि उनके ट्वीट न्यायपालिका के कार्यकलापों के खिलाफ सार्वजनिक हित में की गई उचित आलोचना नहीं मानी जा सकती। इससे पहले प्रशांत भूषण ने न्यायालय से अपने ट्वीट के लिए यह कहते हुए माफी मांगने से इंकार कर दिया था कि उन्होंने जो कुछ भी कहा उस पर उनका पूरा विश्वास है और वे उस पर कायम है।
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